6 माह की प्रेग्नेंट महिला अकेली सऊदी अरब में फंसी, पति हॉन्गकॉन्ग में, कुछ दिन और निकल गए तो फिर आना मुश्किल https://ift.tt/35Byws7

मप्र के सतना की माधुरी शुक्ला त्रिपाठी सऊदी अरब में फंसी हुई हैं। न उनके साथ पति हैं, न परिवार। कंपनी ने दिसंबर तक का अनिवार्य अवकाश दे दिया है, तो अब सैलरी भी नहीं मिल रही। इस बीच तीन गुना दाम पर खुद ही सब्जियां-फल खरीद रही हैं। राशन खरीदने के लिए पैदल जा रही हैं। और बार-बार पति और परिवार से वॉट्सऐप के जरिए बात कर रही हैं।

माधुरी अरब एयरलाइंस में क्रू मेम्बर हैं। फरवरी में वे लंबी छुटि्टयों पर भारत आईं थीं। यहीं उन्हें पता चला कि वे प्रेग्नेंट हैं। इसके बाद वे मैटरनिटी लीव (मातृत्व अवकाश) की प्रक्रिया पूरी करने 11 मार्च को दिल्ली से वापिस सऊदी गईं। उन्होंने जनवरी 2021 तक की छुटि्टयों के लिए अप्लाई किया था, ताकि प्रेग्नेंसी में किसी तरह की दिक्कत न हो।
जब वहां पहुंची तब तक सऊदी अरब में कोरोनावायरस फैल चुका था। पूरे देश में अफरा-तफरी मची हुई थी। इसी कारण माधुरी की छुट्टी की प्रॉसेस को पूरा करने में कंपनी ने टाइम लगा दिया और 15 मार्च को उन्हें अप्रूवल मिल पाया, लेकिन तब तक भारत के लिए फ्लाइट बंद हो चुकीं थीं और सऊदी अरब में लॉकडाउन हो गया था। हैरत की बात यह है कि वहां लोगों तक समय पर यह जानकारी पहुंच ही नहीं पाई थी कि भारत के लिए आखिरी फ्लाइट कब निकलने वाली है।

कुछ दिनों बाद ट्रैवल करना भी हो जाएगा मुश्किल
माधुरी ने बताया कि, मैं प्रेग्नेंट हूं और प्रेग्नेंसी के 6 माह पूरे होने के बाद फ्लाइट में ट्रैवल भी नहीं कर सकूंगी। ट्रैवल तभी कर पाऊंगी जब कोई डॉक्टर मुझे अप्रूवल दे और ऐसी स्थिति में कोई डॉक्टर रिस्क नहीं लेना चाहते। 6 महीने पूरे होने में कुछ दिन ही रह गए हैं। वे कहती हैं, यहां कंपनी के कैंपस में ही रह रहे हैं। कई देशों के लोग फंसे हुए हैं। हॉस्पिटल जाओ तो डॉक्टर पूरा ध्यान नहीं देते। लड़ाई-झगड़ा करके खुद काईलाज करवाना पड़ता है। कोरोना के चलते कोई जांच भी नहीं हो पा रहीं।
भारत की 3 माह की एक और प्रेग्नेंट महिला भी फंसी
माधुरी के मुताबिक, उनके साथ भारत की भावना डूबर नाम की एक अन्य महिला भी यहीं फंसी हैं, जो तीन माह की प्रेग्नेंट हैं। उन्हें कुछ दिन पहले दर्द हुआ था, तब ऑफिस के सहकर्मीडॉक्टर के पास लेकर गए थे। लेकिन कोरोना के चलते कोई जांच नहीं हो पाई। डॉक्टर ने सिर्फ इतना ही बताया कि बच्चे का मूवमेंट नहीं हो पा रहा है। जैसे-तैसे वे एक अन्य डॉक्टर के पास पहुंची, उन्होंने ब्लड और यूरिन के सैंपल लिए हैं, जिसकी रिपोर्ट एक हफ्ते बाद आएगी। माधुरी ने बताया कि कई बार दूतावास में संपर्क कर चुके हैं लेकिन वहां से कहा गया है कि अभी हमें भारत की तरफ से कोई सूचना नहीं मिली है। जब कोई सूचना आएगी तो सोशल मीडिया पर जानकारी डाल दी जाएगी।

पति का चिंता में बुरा हाल, हॉन्गकॉन्ग में फंसे हैं
माधुरी के पति हेमंत त्रिपाठी हॉन्गकॉन्ग में जॉब करते हैं। भास्कर से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि, हॉन्गकॉन्ग में सब नॉर्मल है। यहां कोई लॉकडाउन भी नहीं लेकिन अब मुझे अपनी वाइफ की चिंता हरदम सता रही है। जब मुझे उसके साथ होना था, तब मैं नहीं हूं। उसे हर काम अकेले करना पड़ रहा है। मैं कई बार उसे वीडियो कॉल करता हूं। लेकिन उसकी तकलीफ अब देखी नहीं जाती।
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Labels: Dainik Bhaskar
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