Friday, 18 December 2020

डियर सांता, यह साल बहुत मुश्किल रहा है, मां कहती है उसके पास मुझे गिफ्ट देने के लिए पैसे नहीं है, तुम मुझे खिलौने ला दो https://ift.tt/2J2hrAy

(जेनी ग्रॉस). डियर सांता, कोरोना के कारण यह साल काफी मुश्किल रहा है। मैं उम्मीद कर रही थी कि इस बार क्रिसमस पर मुझे खिलौने का सेट मिलेगा। लेकिन, मां कह रही है कि उन्हें अब पहले जितने पैसे नहीं मिलते। वह मेरे लिए खिलौने नहीं ला सकती है। इसलिए तुम ही मुझे खिलौने दिला दो। ये पंक्तियां नौ साल की एलानी ने सांता क्लॉज को भेजे पत्र में लिखी हैं।

इसी तरह इलिनॉय की रहने वाली चार बच्चों की मां ग्लेंडा ने लिखा है, 'डियर सांता...कोरोना के कारण मेरे काम के घंटे कम हो गए हैं। इस वजह से मेरी कमाई भी कम हो गई है। मैं चाहती हूं कि मेरे बच्चे अन्य साल की तरह इस बार भी अच्छे से क्रिसमस सेलिब्रेट करें। इसके लिए तुम्हारी मदद की जरूरत है।'
अमेरिकी पोस्टल सर्विस के ऑपरेशन सांता को इस साल अब तक इस तरह के 23 हजार से ज्यादा पत्र मिल चुके हैं। ऑपरेशन सांता पिछले 108 सालों से चलाया जा रहा है। बच्चे या उनके परिजन 123, एल्फ रोड, नॉर्थ पोल, 88888 के पते पर हर साल सांता क्लॉज को पत्र लिखते हैं। इस बार अधिकांश पत्र में बच्चों ने कोरोना से हुई मुश्किलों का जिक्र किया है।

कुछ बच्चों ने सांता से कोरोना वैक्सीन की मांग भी की है। वहीं, कई ने अपने परिवार के सदस्यों के लिए अच्छा स्वास्थ्य मांगा है। कुछ बच्चों ने सांता से पूछा है कि क्या उसके पास कोरोना महामारी का इलाज है? प्ले स्टेशन, गर्ल्स डॉल सहित अन्य खिलौने की चाहत वाले पत्र भी खूब आए हैं।

अमेरिकी पोस्टल सर्विस इन पत्रों को सार्वजनिक कर देता है। लोग इन पत्रों में से किसी एक का चुनाव कर सांता की भूमिका निभा सकते हैं और बच्चों को उनकी पसंद का सामान भेज सकते हैं। हालांकि, गिफ्ट भेजने वाले अपनी पहचान सार्वजनिक नहीं करते हैं।
अब तक जिन बच्चों के पत्र मिले, उन्हें किसी न किसी ने गोद ले लिया
पोस्टल सर्विस के मुताबिक इस साल लोगों ने जमकर दरियादिली दिखाई है। अब तक जितने भी पत्र मिले हैं सबको किसी न किसी व्यक्ति ने एडॉप्ट कर लिया है। यानी पत्र भेजने वाले सभी बच्चों को गिफ्ट मिलेगा। पोस्टल सर्विस के मुताबिक साल 2008 में भी बहुत ज्यादा पत्र आए थे।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
सांता को बच्चों ने लिखे भावनात्मक पत्र


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/37CaO1z

Labels:

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home