पिछले चुनाव में मोदी ने जहां सभा की, वहां NDA 25% सीटें ही जीत पाई, 7 जिलों में खाता नहीं खुला https://ift.tt/2HKbDef

बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी पिच पर स्लॉग ओवर्स के धुरंधर उतर गए हैं। NDA की तरफ से पीएम मोदी और महागठबंधन की ओर से राहुल गांधी अपने पक्ष में माहौल बनाने में जुट गए हैं। अबतक मोदी की 6 सभाएं हो चुकी हैं। वे गया, सासाराम, भागलपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पटना में रैली कर चुके हैं।
भाजपा और NDA को मोदी की सभाओं से काफी उम्मीदें हैं। उनका ऐसा मानना है कि मोदी की रैलियों के बाद उनके पक्ष में वोटर्स का झुकाव होगा। 2015 के चुनाव में मोदी ने 31 रैलियां की थीं। जिनमें से 26 सभाएं चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद हुई थीं।
इन सभाओं को अगर सीटों के लिहाज से देखा जाए तो मोदी ने 193 सीटों पर वोटर्स को साधने की कोशिश की थी, लेकिन सिर्फ 49 सीटों पर ही उनके प्रत्याशियों को जीत मिली। यानी उनकी रैलियों का स्ट्राइक रेट महज 25% रहा। उस चुनाव में NDA इस बार के NDA से अलग थी।
तब भाजपा के साथ लोजपा, रालोसपा और हम पार्टी थी। इस बार रालोसपा और लोजपा बाहर हैं। हम पार्टी और नीतीश की जदयू साथ हैं, जो पिछले चुनाव में महागठबंधन का हिस्सा थी। यही नहीं, जिस जगह पर मोदी ने रैली की थी, वहां की 26 मुख्य विधानसभाएं थीं। उनमें से 14 पर NDA को जीत मिली यानी यहां जीत का स्ट्राइक रेट 53% रहा।
2 अक्टूबर को बांका में पीएम की रैली हुई थी। इस जिले में कुल 5 सीटें हैं। सिर्फ एक सीट पर भाजपा को जीत मिली। 8 अक्टूबर को मोदी ने मुंगेर, बेगूसराय, समस्तीपुर और नवादा में रैली की। इसमें से मुंगेर, बेगूसराय और समस्तीपुर में NDA का खाता नहीं खुला। नवादा में सिर्फ एक सीट पर जीत मिली।
इसके बाद 9 अक्टूबर को मोदी ने औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर और जहानाबाद में सभा की। जहानाबाद में एनडीए का एक भी उम्मीदवार जीत नहीं सका। जबकि रोहतास में एक, औरंगाबाद में दो और कैमूर में चार सीटों पर जीत मिली।
25 अक्टूबर को पटना, नालंदा, छपरा और हाजीपुर में मोदी की रैली हुई थी। इसमें पटना में 14 सीटों में से 7 NDA को मिलीं। नालंदा में एक, हाजीपुर में 2 और छपरा में 2 सीटें मिलीं। इसके बाद 26 अक्टूबर को बक्सर और सीवान में मोदी ने सभा को संबोधित किया। बक्सर की चारों सीट NDA हार गई, जबकि सीवान में 8 में से सिर्फ एक पर ही NDA को जीत मिली।
इसके बाद 27 अक्टूबर को पीएम ने बेतिया, सीतामढ़ी और मोतिहारी में सभा की। यहां कुल 31 सीटें हैं। NDA के खाते में 12 सीटें ही गईं। सीतामढ़ी में सभी 10 सीटें NDA हार गई। 30 अक्टूबर को गोपालगंज और मुजफ्फरपुर में पीएम की रैली हुई। गोपालगंज में 6 में से 2 और मुजफ्फरपुर में 11 में सिर्फ 3 सीटों पर मोदी अपने गठबंधन को जीत दिला सके।
1 नवंबर को पीएम ने मधुबनी, मधेपुरा और कटिहार में सभा की। मधेपुरा में खाता नहीं खुला, जबकि कटिहार और मधुबनी में सिर्फ 2-2 सीटें ही मिलीं। पीएम मोदी ने 2 नवंबर को आखिरी रैली की थी। उन्होंने दरभंगा, पूर्णिया और फारबिसगंज में सभा की। कुल 23 सीटों में से सिर्फ 5 सीटें NDA के खाते में गईं।

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Labels: Dainik Bhaskar
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