Friday, 23 October 2020

ढाकेश्वरी देवी शक्तिपीठ, जहां मां की प्रतिमा की सीध में 4 शिव मंदिर, आईना दिखाकर किया जाता है विसर्जन https://ift.tt/2Hx7bzr

(प्रियंका चौधरी) ढाका में स्थित मां ढाकेश्वरी का मंदिर ऐसी शक्तिपीठ है, जहां माता के ठीक सामने एक साथ चार शिव मंदिर स्थापित हैं। नवरात्रि के दौरान यहां हर धर्म के लोग श्रद्धाभाव से जुटते हैं। शुक्रवार सुबह के साढ़े पांच बजे हल्की बारिश के बीच श्रद्धालुओं की भीड़ मां के दर्शन के लिए उमड़ रही है। मंदिर प्रांगण में पूजा की तैयारी चल रही है। यहां दुर्गा पूजा का सबसे बड़ा सेलिब्रेशन होता है। हालांकि, इस बार कोविड के चलते सीमित लोगों को ही पंडाल में प्रवेश दिया जा रहा है।

परिसर में भजन मंडली कोविड नियमों का पालन करने का भी आग्रह कर रही है। उत्सव के दौरान भक्तों के बीच दिन में चार बार प्रसाद (भोग) का वितरण किया जाता है। पर्व की समाप्ति के बाद प्रतिमाओं का विसर्जन जल में नहीं, बल्कि आईना दिखाकर किया जाता है। इस शक्तिपीठ की मान्यता है कि यहां मां सती के मुकुट में सुशोभित रत्न गिरे थे। यह बांग्लादेश में माता की प्रमुख शक्तिपीठ है। 12वीं सदी में सेन राजा बल्लार सेना ने इसका जीर्णोद्धार कराया था। मंदिर बंगाल वास्तुकला की अद्भुत मिसाल है।

1971 के युद्ध में मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया था, 1996 में तैयार हुआ

1971 के युद्ध में आधा से ज्यादा मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया था। 25 साल जीर्णोद्धार में लगे। 1996 में तैयार हुआ। कहते हैं ढाका का नाम इन्हीं के नाम पर पड़ा। स्थानीय कारोबारी यहां आभूषण और महंगी साड़ी अर्पित करते हैं। उन्हीं से मां का शृंगार किया जाता है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
यहां दुर्गा पूजा का सबसे बड़ा सेलिब्रेशन होता है। हालांकि, इस बार कोविड के चलते सीमित लोगों को ही पंडाल में प्रवेश दिया जा रहा है।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2ISMTAK

Labels:

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home