बैंककर्मी के बेटे ने खोल ली स्टेट बैंक की फर्जी ब्रांच, तीन माह से चला रहा था; फर्नीचर से स्टेशनरी तक सब वैसा ही https://ift.tt/328yhF5

आपने अब तक फर्जी बैंक खाता खाेलने के बारे में ही सुना हाेगा, लेकिन तमिलनाडु में एक युवा ने बैंक की फर्जी ब्रांच खाेलकर देश की सबसे बड़ी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया काे ही चुनाैती दे डाली। करीब 80 हजार की आबादी वाले कस्बे में यह ब्रांच तीन महीने से चल रही थी। एक ग्राहक की शिकायत पर इसका भंडाफाेड़ हुआ। पुलिस ने 19 वर्षीय युवा समेत तीन लाेगाें काे गिरफ्तार किया है। हालांकि पुलिस का कहना है कि फिलहाल किसी व्यक्ति ने धाेखाधड़ी की शिकायत नहीं की है।

घटना तमिलनाडु के कडलाेर जिले के पनरुत्ती कस्बे की है। यहां स्टेट बैंक की दाे ब्रांच हैं। कुछ दिन पहले एक ब्रांच में ग्राहक पहुंचा और मैनेजर से पूछा, ‘आपने बताया नहीं, शहर में तीसरी ब्रांच खुल गई है?’ यह सुनकर मैनेजर हैरान रह गए। ग्राहक ने कथित ब्रांच से मिली पर्ची दिखाई ताे मैनेजर का माथा ठनका। उन्हाेंने जाेनल ऑफिस में तहकीकात की ताे पता चला काेई ब्रांच नहीं खाेली गई है। इसके बाद वे ‘तीसरी ब्रांच’ पहुंचे ताे सन्न रह गए। वहां फर्नीचर से स्टेशनरी तक असल ब्रांच जैसा था। कैश डिपाॅजिट चालान, रबर स्टैंप, फाइल पर बैंक का नाम प्रिंट था। वहां करेंसी काउंटर मशीन, डेस्कटाॅप कंप्यूटर, प्रिटर औरदर्जनाें फाइलें भी माैजूद थीं।
मैनेजर की शिकायत पर पुलिस ने मास्टरमाइंड कमल (19), रबर स्टैंप वेंडर मणिकम (52) औरप्रिंटिंग प्रेस संचालक कुमार (42) काे दबाेचा। इन्हाेंने अप्रैल में ही ब्रांच खाेली थी। यही नहीं, पनरुत्ती बाजार ब्रांच की वेबसाइट भी बनाई गई थी। आरोपी कमल ने बताया कि उसने मां और चाची के अकाउंट के बीच ट्रांजैक्शन किए हैं।
बोला- खुद की बैंक खोलना चाहता था, धोखाधड़ी नहीं की
पूछताछ में कमल ने बताया कि उसके माता-पिता बैंक में नौकरी करते थे। उनके पास बैंक जाने के दाैरान उसे बैंकिंग की जानकारी हाे गई थी। कुछ साल पहले पिता की मौत हाे गई। मां रिटायर हाे गई। अनुकंपा नौकरी के लिए अावेदन किया। इसमें देरी हुई तो ब्रांच खोल ली। वह खुद की बैंक खाेलना चाहता था। हालांकि किसी से धोखाधड़ी नहीं की।
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from Dainik Bhaskar /national/news/the-bankers-son-opened-a-fake-branch-of-the-state-bank-operating-for-three-months-everything-from-furniture-to-stationery-127504141.html
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