रोहतक के इंजीनियर, शॉपकीपर व सोशल वर्कर पर देश में बनी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू https://ift.tt/2COyHGc

कोरोना महामारी के बीच पीजीआई रोहतक से राहत भरी खबर है। पटना एम्स के बाद रोहतक पीजीआईएमएस में भी शुक्रवार को हैदराबाद में बनी कोरोना वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल की शुरुआत हो गई है। शहर के एक साॅफ्टेवयर इंजीनियर, शॉप कीपर और सोशल वर्कर के बाएं हाथ में वैक्सीन की तीन माइक्राेग्राम की डाेज दी गई।
इसके बाद फार्माकोलॉजी विभाग की प्रोफेसर व प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर डॉ. सविता वर्मा, को-इन्वेस्टीगेटर स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. ध्रुव चौधरी व कम्युनिटी विभाग के प्रोफेसर डॉ. रमेश वर्मा की मौजूदगी में तीन घंटे तक इनकी मॉनीटरिंग की गई। कोई साइड इफेक्ट न आने पर तीनों वाॅलंटियर्स को फिलहाल घर भेज दिया गया है।
क्लीनिकल ट्रायल कमेटी के सदस्य सात दिन तक तीनों वाॅलंटियर्स का लगातार फाॅलोअप करेंगे। हाथ में जहां पर वैक्सीन को लगाया गया है वहां पर दर्द, सूजन व सुन्न होने के लक्षण तो नहीं है। सिर दर्द, चक्कर आना, उल्टी आने सहित अन्य कई बिंदुओं पर सात दिन तक मॉनिटरिंग की जाएगी। शुक्रवार को 10 और वाॅलंटियर्स की स्क्रीनिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई।
अपील: ट्रायल में जुड़ने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाएं
हेल्थ विश्वविद्यालय रोहतक के कुलपति डॉ. ओपी कालरा ने आमजन से अपील की है कि स्वस्थ युवा यह इंजेक्शन लगवाने के लिए आगे आएं। हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने पशु अध्ययन में पहले ही साबित कर चुकी है कि यह वैक्सीन सुरक्षित है।
इच्छुक व्यक्ति पीजीआईएमएस की कोविड हेल्पलाइन 9416447071 पर फोन कर ट्रायल का हिस्सा बनने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकता है।इन सभी का कोरोना सैंपल टेस्ट कराया गया है। शनिवार सुबह रिपोर्ट निगेटिव आने पर इनमें से भी सात लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी जाएगी। 15 अगस्त तक इनकी रिपोर्ट भेजी जाएगी।
इम्युनोग्लोबिन जांच के बाद 14वें दिन देंगे दूसरी डोज : क्लीनिकल ट्रायल की एथिकल कमेटी ने पूरे देश में 50 वाॅलंटियर्स पर ट्रायल करने की अनुमति दी है, जिसमें पीजीआईएमएस रोहतक को 10 वाॅलंटियर्स के लिए अधिकृत किया गया है। डॉ. सविता वर्मा ने बताया कि सात दिन तक वाॅलंटियर्स में यदि साइड इफेक्ट नहीं आते हैं तो 14वें दिन वैक्सीन की दूसरी डोज दी जाएगी। पहला चरण 15 अगस्त के बाद पूरा होगा।
ब्लड सैंपल के जरिये इम्युनोग्लोबिन को जांचा जाएगा ताकि यह पता चल सके कि वायरस से लड़ने की क्षमता कितनी बढ़ी है। जब भी किसी व्यक्ति को वायरस से लड़ने की डोज दी जाती है तो उसमें रोग प्रतिरोधक सेल एक्टिव होते हैं। वॉलंटियर्स में यदि वायरस से लड़ने की क्षमता चार गुना बढ़ जाती है तो यह माना जाएगा कि यह वैक्सीन कारगर है। छह माह तक चलने वाले ट्रायल में वाॅलंटियर्स को छह बार वैक्सीन की डोज दी जाएगी।
पीजीआई रोहतक में ट्रायल हरियाणा के लिए बड़ी बात: विज
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि पीजीआई रोहतक में कोरोना की कोवैक्सीन नाम की दवा का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। शुरूआती चरण में तीन लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है। हरियाणा के लिए बड़ी बात है कि कोरोना की वैक्सीन के ट्रायल के लिए पीजीआई रोहतक को चुना गया।
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Labels: Dainik Bhaskar
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