लॉकडाउन ने लगाया जयपुर के जायके पर ब्रेक, मशहूर मसाला चौक में पसरा सन्नाटा, हर दिन 2 हजार कस्टमर आते थे यहां https://ift.tt/32zYug5

जयपुर पुरी दुनिया में खाने -पीने के लिए मशहूर जगहों में से एक है। कोरोना के कारण यहां लॉकडाउन लगा तो यहां के फेमस जायकों और चाय- चटकरों पर ब्रेक लग गया। यहां करीब 75 दिन लॉकडाउन रहा। जिससे यहां की प्रमुख दुकानें व स्ट्रीट फूड्स शॉप्स बंद रहे।हालांकि अनलॉक 1 और फिर अनलॉक 2 के बाद यहां की जायकों की महक फिर से महसूस हो रही है। बाजारों में रौनक लौट रही है। स्ट्रीट फूड्स की दुकानें खुल गई है, ग्राहक भी नजर आने लगे हैं।शहर में 15 हजार से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स हैं। इनमें रजिस्टर्ड और नॉन रजिस्टर्ड दोनों हैं।
फेमस मसाला चौकपहली बार बंद हुआ
अल्बर्ट हॉल म्यूजियम के पास रामनिवास बाग में मसाला चौक यहां का सबसे फेमस फूड प्लेस है। इसकी शुरुआत 2018 में की गई। यह जयपुर विकास प्राधिकरण ने इसकी शुरुआत की। यहां 22 दुकानें हैं। इनमें गुलाब जी की चाय से लेकर सम्राट की कचौरी और जलेबी, बृजवासी का फालूदा और कुल्फी, महावीर की रबड़ी, प्रेमप्रकाश वालों के समोसे जैसेफूड्स मशहूर हैं। जिसका स्वाद चखने के लिए देश- विदेश से लोग आते हैं। रखे गए। जो कि वर्षों से जयपुर के खान पान में ना सिर्फ शहरवासियों बल्कि देसी विदेशी पर्यटकों में अपनी खासी पहचान रखते है। 22 मार्च को लॉकडाउन की वजह से जेडीए ने मसाला चौक को बंद करने का निर्णय लिया था। तब से यहां की दुकानें बंद हैं। अनलॉक के बाद भी कोरोना के डर से दुकानदार अपनी शॉप्स नहीं खोल रहे हैं।

रोजानादो हजार ग्राहक आते थे
सुपरवाइजर महबूब खान ने बताया कि लॉकडाउन के पहले यहां आने वाले लोगों की इतनी भीड़ होती थी कि दुकानदारों को फुर्सत नहीं होती थी। यहां करीब दो हजार कस्टमर्स रोज आते थे। वीकेंड के दिन तो यहां सबसे ज्यादा भीड़ होती थी।मानसून और फेस्टिवल के दौरान तो यहां की रौनक देखते बनती थी। लेकिन अभी यहां के बाजार वीरान पड़े हैं। महबूब के मुताबिक लॉकडाउन में राहत मिलने पर जेडीए ने मसाला चौक खोलने की परमिशन दे दी थी। लेकिन यहां मौजूद दुकानदारों की आपसी सहमति से मसाला चौक को 1 अगस्त से खोलने का निर्णय लिया है।
जिला प्रशासन ने रात 8 बजे तक दुकानें बंद करने का आदेश जारी किया हुआ है। यहां के दुकानदारों का मानना है कि अगस्त के बाद यहां दुकानों के खुलने का समय बढ़ाया जाएगा तो ज्यादा अच्छा होगा। वहीं, मसाला चौक के खुलने पर कोरोना संक्रमण से बचाव की तैयारियों के बारे में महबूब खान ने बताया कि यहां गेट पर ग्राहकों की मॉनिटरिंग होगी। सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन कराया जाएगा। मेन गेट पर सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जाएगी।

खूंटेटा की आलू कचोरी यहां की फेमस डिश है
मसाला चौक से बाहर परकोटे के किशनपोल बाजार में खूंटेटा की आलू की कचौरी काफी लोकप्रिय है। इस डिश की डिमांड यहां सबसे ज्यादा होती है। अशोक खंडेलवाल ने बताया कि करीब 60 साल से उनकी यहां दुकान है। यहां आलू की कचोरी व नमकीन सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। इसके लिए वे मसाला खुद तैयार करते हैं। अशोक के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से व्यवसाय सिर्फ 40 फीसदी रह गया है।
यहां कचोरी तैयार करने वाले कर्मचारियों के लिए मास्क व सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। बार बार हाथ साफ कराया जाता है। संक्रमण से बचाव के लिए दुकानों पर बोर्ड लगा दिए गए हैं।मास्कर पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग को अनिवार्य कर दिया गया है।साथ ही भीड़ नहीं लगाने की भी बात कही गई है।
हाथ सैनिटाइज कर खिला रहे है कांजी बड़ा, पैकिंग सुविधा पर जोर
छोटी चौपड़ पर रोजगारेश्वर महादेव के सामने स्ट्रीट वेंडर झाबर मल सैनी बताते हैं कि वे अपने बड़े भाई के साथ पिछले करीब 25 वर्षों से कांजी बड़ा खिला रहे हैं। झाबर सैनी के मुताबिक लॉकडाउन में रोजगार बंद होने से काफी दिक्कत हुई, घर चलाना भी मुश्किल हो गया।

उन्होंने बताया कि काम- धंधा बंद हो गया है। सिर्फ परमानेंट ग्राहक ही कांजीबड़ा खाने आ रहे हैं। शादी व पार्टिंयों की बुकिंग भी बंद हो गई हैं। कांजी बड़ा खा रहे एक ग्राहक सुनील कुमार ने बताया कि वे पिछले करीब 20 साल से यहां कांजीबड़ा खाने आ रहे हैं। झाबरमल दुकान पर आने वाले ग्राहकों का हाथ सैनिटाइज कराने के बाद ही बड़ा खिलाते हैं।
जयपुर शहर की नामी फूड ब्लॉगर अक्षया अग्रवाल का कहना है कि यहां कुछ स्ट्रीट फूड शॉप्स खुली हैं लेकिन कोरोना के चलते लोगों में अभी भी हाईजीन को लेकर एक डर बना हुआ है। खाने-पीने के शौकीन लोगों को फिलहाल टेक-अवे और होम शेफ्स के विकल्प को आजमाना चाहिए।
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Labels: Dainik Bhaskar
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