मारुति चेयरमैन बोले- देश मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकता है बशर्ते महंगी बिजली से राहत, टैक्स में छूट और जरूरी संसाधन सस्ते हों https://ift.tt/2YUCER4

हमारे देश में इंडस्ट्री को हर चीज सबसे महंगी दी जाती है। सबसे अधिक टैक्स भी इंडस्ट्री पर ही लगाया जाता है। नतीजा यह होता है कि हमारी मैन्युफैक्चरिंग की लागत ज्यादा हो जाती है और हम वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिक नहीं पाते। अगर देश को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है, तो हमें इस ढर्रे को बदलना होगा। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति-सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने भास्कर से खास बातचीत में यह बात कही।
भार्गव ने कहा कि पांच-छह साल पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है। इसे लेकर कई काम भी हुए। भारत में बिजनेस करना आसान भी हुआ। लेकिन मैन्युफैक्चरिंग बढ़ी नहीं और न ही इसमें खास एफडीआई आई। चीन को छोड़ने वाली ज्यादातर कंपनियां वियतनाम, मलेशिया और इंडोनेशिया जा रही हैं। भारत नहीं आ रही हैं।
हमारा बाजार बड़ा है, अच्छा हृयूमन रिसोर्स हैः भार्गव
उन्होंने कहा, 'जबकि हमारे पास कई एडवांटेज है। हमारा बाजार बड़ा है, अच्छा हृयूमन रिसोर्स है, हमारे पास अच्छे प्रबंधक हैं, लोकतंत्र है और रूल ऑफ लॉ है। फिर भी हमारे यहां मैन्युफैक्चरिंग क्यों नहीं बढ़ रही है? इसका कारण ये है कि भारत में मैन्युफैक्चरिंग वैश्विक स्पर्धा के मुकाबले नहीं है। यहां इंडस्ट्री को सबसे महंगी बिजली और सबसे कम सुविधाएं दी जाती हैं।'
'इसके बाद सबसे ज्यादा टैक्स भी लगा दिया जाता है'
भार्गव ने कहा, 'सरकारें चाहती हैं कि इंडस्ट्री अपने लिए सारी सुविधाएं खुद जुटाए। इसके बाद सबसे ज्यादा टैक्स भी लगा दिया जाता है। इससे प्रोडक्शन की लागत बढ़ जाती है और हमारे प्रोडक्ट स्पर्धा के लायक नहीं रह जाते। सरकार को करना ये चाहिए कि इंडस्ट्री को जरूरी संसाधन सबसे कम कीमत पर मुहैया कराने चाहिए, जिससे कि वे दुनिया में मुकाबला कर सकें और आगे बढ़ सकें।'
इसके बाद उनसे जो टैक्स मिले उससे वेलफेयर करना चाहिए। भार्गव ने कहा कि इंडस्ट्री रिफॉर्म में केंद्र सरकार तो नीतिगत स्तर पर फैसले लेती है, लेकिन राज्य सरकार जिन्हें जमीन पर इसे क्रियान्वित करना है, उनकी मानसिकता अभी तक नहीं बदली है। राज्यों में अब भी फैसले लेने में देरी होती है।
अक्टूबर तक मारुति का प्रोडक्शन पिछले साल से अधिक हो जाएगा
मारुति चेयरमैन ने कहा कि कोरोनावायरस छोटी अवधि की समस्या है और वैक्सीन बनते ही यह खत्म हो जाएगी। इस समस्या ने देश को एक मौका दिया है। मारुति में इस साल अक्टूबर तक हमारा प्रोडक्शन पिछले साल के बराबर पहुंच जाएगा। हमारी कोशिश इसे और आगे बढ़ाने की रहेगी। अभी हम ऐहतियात के साथ काम कर रहे हैं, इसलिए प्रोडक्शन भी कम है। जैसे-जैसे मांग आएगी हम प्रोडक्शन बढ़ाते जाएंगे। उन्होंने कहा कि कंपनी का नया मॉडल जिम्मी इसी महीने लॉन्च होनी थी लेकिन लॉकडाउन की वजह से इसमें देरी हो गई है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2UYypCB
Labels: Dainik Bhaskar
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home