लद्दाख के जिस बैनर को चीनी सेना की चुनौती बताया जा रहा, वह भारतीय सेना के बैनर की 8 साल पुरानी फोटो है https://ift.tt/37IphYb

क्या वायरल: एकफोटो वायरल हो रही है,जिसमें हरे रंग के बैनर पर लिखा है Fight to Win। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि ये बैनर चीनी सेना ने भारतीय सेना को चेतावनी देने के लिए लगाया है।

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फैक्ट चेक पड़ताल
- फोटो को गूगल पर रिवर्स इमेजसर्च करने से यही फोटो गेटी इमेजेस के लोगो के साथ मिली। इससे हमें यह क्लू मिल गया किअसल में यह तस्वीर गेटी इमेजेस की है।
- अब हमने गेटी इमेजेस की वेबसाइट पर भारत-चीन से जुड़ी फोटो खंगालना शुरू कीं।
- गेटी इमेजेस की वेबसाइट पर इस फोटो के डिस्क्रिप्शन से पता चला कि ये 5 अक्टूबर, 2012 की फोटो है। डिस्क्रिप्शन का हिंदी अनुवाद है: भारत के लेह, लद्दाख के पास 5 अक्टूबर, 2012 को पैंगोंग झील के किनारे एक भारतीय सैन्य बैनर पोस्ट दिखाई देताहै। लद्दाख, उत्तर में कुनलुन पर्वत श्रृंखला और दक्षिण में मुख्य महान हिमालय के बीच बसे, कभी प्राचीन बौद्ध साम्राज्य था और अब आधी सदी से भी अधिक समय से भारत के लिए एक रणनीतिक सैन्य चौकी है। लद्दाख, चीन और पाकिस्तान दोनों के साथ सीमाओं को साझा करता है। पिछले कुछ वर्षों में यहां के पर्यटन में तेजी देखी गई है। (डैनियल बेरेहुलक / गेटी इमेज)।

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गेटी इमेज के डिस्क्रिप्शन से स्पष्ट होता है कि पोस्टर भारतीय सेना का है और इसकी फोटो 5 अक्टूबर, 2012 की है। इस फोटो का भारत-चीन के वर्तमान सीमा विवाद से कोई संबंध नहीं है।
निष्कर्ष: जिस बैनर की फोटो इस समय वायरल की जा रही है। वह असल में आठ साल पुरानी है। साथ ही यह बैनर चीन का नहीं बल्कि भारतीय सेना का है।
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Labels: Dainik Bhaskar
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